हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को केंद्र से मिली मेरू प्रोजेक्ट की ग्रांट को दो साल के भीतर ही खर्च करना होगा। विश्वविद्यालय की ओर से इस ग्रांट को चार भागों में बांटा जाएगा। पहला नए भवन निर्माण कार्य, दूसरा भवनों के जीर्णोद्धार, तीसरा प्रयोगशाला व परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए तथा चौथा सॉफ्ट कंपोनेंट, जिसमें वेबसाइट का सुदृढ़ीकरण करना होगा। यह राशि विश्वविद्यालय को दो साल के भीतर खर्च करनी होगी।

हर कैंपस को मेरू के तहत परिवर्तित करना होगा। पीएम उषा के तहत हर विभाग को मासिक व त्रैमासिक न्यूज लैटर की रिपोर्ट जारी करने के भी निर्देश भी दिए हैं। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को फरवरी 2024 में केंद्र के शिक्षा मंत्रालय की ओर से पीएम उषा मेरू के तहत मंजूर सौ करोड़ रुपए में से एचपीयू को अभी तक सिर्फ तीन करोड़ रुपए ही मिले हैं।
शेष 97 करोड़ रुपए की राशि अभी तक नहीं मिली है। इस कारण विश्वविद्यालय को 31 मार्च तक कुछ कार्यों को करवाना मुश्किल हो गया है। इस कारण नवनिर्माण, भवनों की मर मत और रखरखाव, एकेडमिक गतिविधियों जैसे सेमीनार, वर्कशॉप, शोध प्रोजेक्ट को आबंटित करने के कार्य आगे नहीं बढ़ पाए हैं।
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