हिमाचल प्रदेश में साफ पानी और स्वच्छता पर खर्च किए जाएंगे 89 करोड़

हिमाचल प्रदेश में साफ पानी और स्वच्छता पर 89 करोड़ खर्च किए जाएंगे। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर केंद्र सरकार ने हिमाचल के ग्रामीण स्थानीय निकायों के बंधित अनुदान के रूप में 89 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा गैर सशर्त अनुदान के तौर पर प्रदेश सरकार को 81 करोड़ की राशि भी प्राप्त हुई है। साल 2024-25 के लिए बंधित अनुदान की यह पहली किस्त है। गैर सशर्त अनुदान के तौर पर दूसरी किस्त जारी हुई है। इस मद में 58 करोड़ की एक किस्त पहले ही प्रदेश को मिल चुकी है। केंद्र सरकार ने इस मद में कट लगाया था, जिसे अब बहाल कर दिया गया है।

इस राशि से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, कचरा प्रबंधन जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। केंद्र की इस अनुदान राशि का उपयोग स्थानीय निकायों द्वारा दो तरह की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जाएगा। पहला, घरेलू अपशिष्ट, मानव मल, मल कीचड़ प्रबंधन और उपचार सहित खुले में शौच से मुक्ति दिलाने वाले कार्य कराए जाएंगे, जिससे गांव में स्वच्छता बढ़ेगी। बंधित अनुदान की राशि से जो दूसरे काम होंगे, उनमें पीने के पानी की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण को प्राथमिकता दी जाएगी।

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हर पंचायत जहां तक संभव हो, इन दोनों महत्वपूर्ण सेवाओं में से प्रत्येक के लिए इन अनुदानों का आधा हिस्सा खर्च करेगी, लेकिन, जिस पंचायत ने एक श्रेणी की जरूरतों को पूरा कर लिया है, वह दूसरी श्रेणी के लिए भी उस धन का उपयोग कर सकती है। पंचायतीराज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर प्रदेश को राशि मिलने की पुष्टि की है।

 

3 स्तर पर होगा आवंटन, 10 दिन के भीतर भुगतान

केंद्र की ओर से जारी अनुदान का तीन स्तर पर आवंटन होगा। जिला परिषद और पंचायत समिति स्तर पर 15-15 फीसदी जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर 70 फीसदी आवंटन होगा। अनुदान का 90 फीसदी हिस्सा जनसंख्या जबकि 10 फीसदी हिस्सा क्षेत्रफल के आधार पर दिया जाएगा। केंद्र ने 10 दिन के भीतर ग्रामीण स्थानीय निकायों को पैसा जारी करने के भी निर्देश दिए हैं।

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Author: Ram Bhardwaj