History of Sirmaur: Establishment and rulers of the princely state
सिरमौर का नामकरण –
सिरमौर के प्राचीन निवासी कुलिंद थे। कुलिंद राज्य मौर्य साम्राज्य के शीर्ष पर स्थित था जिस कारण इसे शिरमौर्य की संज्ञा दी गई जो कालांतर में सिरमौर बन गया। अन्य जनश्रुतियों के अनुसार राजा रसालू के पूर्वज का नाम सिरमौर था, इसलिए राज्य का नाम सिरमौर रखा गया। रियासत की राजधानी का नाम सिरमौर होने के कारण रियासत का नाम सिरमौर पड़ा। इस क्षेत्र में सिरमौरिया देवता की पूजा की जाती थी जिसके कारण राज्य का नाम सिरमौर रखा गया।
सिरमौर रियासत की स्थापना-
• माहे प्रकाश (1199-1217) –
शुभंश प्रकाश की 1199 ई. में मृत्यु होने के बाद माहेप्रकाश राजा बने। उनके शासनकाल में सिरमौर की सीमाएँ गढ़वाल, भागीरथी, श्रीनगर और नारायणगढ़ तक फैल गई। उन्होंने भागीरथी नदी के पास ‘मालदा किले’ पर कब्जा कर उसका नाम ‘माहे देवल’ रखा।
उदित प्रकाश (1217-1227 ई.)-
उदित प्रकाश ने 1217 ई. में सिरमौर रियासत की राजधानी राजबन से कालसी में स्थानांतरित की।
कौल प्रकाश (1227-1239 ई.)
कौल प्रकाश ने जुब्बल, बालसन और थरोच को अपने अधीन कर उसे अपनी जागीर बनाया। कौल प्रकाश ने 1235 ई. में रजिया सुल्तान के विरोधी ‘निजाम-उल-मुल्क’ को शरण दी थी।
सुमेर प्रकाश (1239-1248 ई.)
सुमेर प्रकाश ने क्योंथल की जागीर रतेश को अपने अधीन कर उसे सिरमौर रियासत की राजधानी बनाया।
सूरज प्रकाश (1374-1386 ई.)
सूरजप्रकाश ने जुब्बल, बालसन, कुमारसेन, घुण्ड, सारी, ठियोग, रावी और कोटगढ़ को अपने अधीन कर लगान वसूल किया। सूरज प्रकाश ने सिरमौर रियासत की राजधानी रतेश से पुनः कालसी में स्थापित की।
भक्त प्रकाश (1374-1386 ई.)-
भक्त प्रकाश फिरोजशाह तुगलक का समकालीन था। भक्त प्रकाश के शासनकाल में 1379 ई. में फिरोजशाह तुगलक ने सिरमौर रियासत को अपनी जागीर बनाया। फिरोजशाह तुगलक के पुत्र मुहम्मद शाह ने सिरमौर की पहाड़ियों में शरण ली थी।
• जगत प्रकाश (1386-1388 ई.)-
राजा जगत प्रकाश के समय जुब्बल, बलसन, राविंनगढ़ और कुम्हारसेन ने विद्रोह कर स्वयं को सिरमौर राज्य से स्वतंत्र करा लिया था।
वीर प्रकाश (1388-1398 ई.) –
वीरप्रकाश ने हाटकोटी को अपनी राजधानी बनाया। उन्होंने पब्बर नदी के किनारे भगवती दुर्गा का मंदिर बनाया। वीर प्रकाश ने ‘रावीनगढ़ किला’ बनवाया। तैमूर लंग के आक्रमण के समय रत्नसेन क्यारदा दून का शासक था।