Medical Device Park : हिमाचल सरकार अब अपनी शर्तों पर मेडिकल डिवाइस पार्क बनाएगी। नालागढ़ के मंझोली में 265 एकड़ जमीन के 25 फीसदी एरिया में पार्क बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि यह डिवाइस पार्क केंद्र की शर्तों पर नहीं बनाया जाएगा।
हिमाचल सरकार ने केंद्र से मिलने वाले 100 करोड़ रुपये में से पहली किस्त के 30 करोड़ रुपये लौटाने का फैसला लिया है। सरकार का मानना है कि जहां पर इस पार्क का निर्माण होना है, उस जमीन को समतल करने में ही दो सौ करोड़ रुपये की राशि खर्च हो रही है।
केंद्र ने कहा है कि इस प्रोजेक्ट में उद्योगपतियों को 33 साल के लिए एक रुपये प्रति स्क्वेयर मीटर लीज पर जमीन देना, 10 साल के लिए 3 रुपये प्रति यूनिट बिजली, 10 साल के लिए निशुल्क पानी, मेंटेनेंस के खर्चे और अन्य शर्तें शामिल हैं। राज्य सरकार ने यह सभी शर्तें नकार दी हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार 8,500 रुपये प्रति स्क्वेयर मीटर के हिसाब से उद्योग लगाने को जमीनें आवंटित कर रही है। दूसरे, बिजली के रेट भी ज्यादा हैं। सरकार का मानना है कि अगर सरकार प्लॉट भी बेचती है तो इससे 475 करोड़ रुपये की कमाई होगी।
वहीं बिजली और मेंटेनेंस चार्जिज से 500 के करीब आय होगी। अगर केंद्र की शर्तों पर काम किया जाता है तो हिमाचल सरकार के लिए यह घाटे का सौदा है। ऐसे में सरकार ने कैबिनेट में केंद्र से मिली पहली 30 करोड़ रुपये की किस्त लौटाने का फैसला लिया है।
अब बद्दी, नालागढ़ की तर्ज पर मझौली में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। डिवाइस पार्क बनाने के साथ यहां अन्य उद्योग भी स्थापित किए जाएंगे। इस प्रदेश सरकार को करोड़ों रुपये की आय होगी। डिवाइस पार्क बनाए जाने से कम से कम पांच हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
राज्य के संसाधनों को नहीं लुटने देंगे : सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के संसाधनों को किसी भी कीमत पर लुटने नहीं देगी। इन संसाधनों पर प्रदेश के लोगों का हक है। प्रदेश के हितों की रक्षा के लिए विभिन्न मोर्चों पर हक की लड़ाई लड़ी जा रही है। ऐसे में मेडिकल डिवाइस पार्क भी स्वयं बनाया जाएगा। अगर केंद्र सरकार की राशि नहीं लौटाते हैं तो उद्योगपतियों को अनिवार्य प्रोत्साहन प्रदान करने पड़ेंगे, जिससे राज्य के खजाने पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा और सरकार कोे राजस्व को घाटा होगा।
इस परियोजना के लिए राज्य सरकार ने अब तक 74.95 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं और प्राथमिकता पर मेडिकल डिवाइस पार्क का निर्माण किया जा रहा है। पार्क के निर्माण के लिए राज्य सरकार क्लस्टर विकास योजना के तहत सिडबी से ऋण लेगी।
बल्क ड्रग पार्क में निजी एजेंसी की नहीं लेंगे मदद
सुक्खू ने कहा कि इससे पहले राज्य सरकार ने जिला ऊना के हरोली में बन रहे बल्क ड्रग पार्क में किसी भी प्राइवेट एजेंसी की मदद नहीं लेने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार बल्क ड्रग पार्क के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये अपने संसाधनों से प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा दे रही है और उद्योगपतियों को उनके कारोबार में हर संभव सहायता दी जा रही है।
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