हिमाचल प्रदेश सरकार को प्राइवेट कंपनियों से मिलने वाली बिजली से इस बार सरकार ने ज्यादा कमाई की है। हालांकि अभी सरकार टारगेट से दूर है, मगर पिछले साल के मुकाबले ज्यादा बिजली बेचने से उसकी कमाई जरूर बढ़ गई है। ऊर्जा निदेशालय के माध्यम से इस बिजली की सेल परचेज सरकार करती है और 15 नवंबर तक के आंकड़े को देखा जाए, तो सरकार ने 1550 करोड़ रुपए की बिजली का व्यापार कर दिया है।
जानकारी के अनुसार सरकार के पास इस साल 2100 करोड़ का टारगेट है। प्रदेश सरकार ने ऊर्जा निदेशालय को 2100 करोड़ रूपए का टारगेट दिया है, जिसे लेकर अधिकारियों ने आश्वस्त किया था। अभी वैसे मार्च महीने तक लगभग चार महीने शेष बचे हैं और उम्मीद की जा रही है कि तब तक यह टारगेट पूरा हो ही जाएगा, परंतु अब जिस तरह से नदियों में जल स्तर कम हो चला है और इससे बिजली का उत्पादन कम होने लगा है उससे ऐसा लगता है कि शायद ही टारगेट पूरा हो।
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वैसे अगर टारगेट भी पूरा नहीं होता है, तो भी सरकार कंफर्ट जोन में है क्योंकि पिछले साल के मुकाबले उसने इस बार ज्यादा कमाई कर ली है। पिछले साल 1400 करोड़ रुपए के आसपास की ही बिजली बेची जा सकी थी और उससे पिछले साल में यह कमाई 1200 करोड़ के आसपास की थी। अब साल दर साल सरकार बिजली को बेचकर अच्छी कमाई कर रही है, जो कि उसकी जरूरत भी है।
खुद अपने बजट में मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसका जिक्र भी किया था। इसके अलावा लारजी परियोजना को नुकसान पहुंचा जिसकी टरबाइन पूरी तरह से नहीं चल रही है, वो भी नुकसान सरकार को है। साथ ही छोटे-छोटे कुछ प्रोजेक्ट बरसात में प्रभावित हुए हैं।
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