सेंट्रल ड्रग्स लैब कसौली (CDL Kasauli) में जांच के लिए आए रेबीज वैक्सीन के तीन सैंपल जांच में फेल हो गए। सैंपल साउथ की एक निजी कंपनी ने भेजे थे। सैंपल मानकों के तहत सही न पाए जाने पर सीडीएल कसौली ने कंपनी से सैंपल दोबारा मांगे हैं। मानक पूरे होने के बाद ही सीडीएल कंपनी को वैक्सीन उत्पादन के लिए हरी झंडी देगी। कंपनी ने उत्पादन से पहले रेबीज वैक्सीन के सैंपल जांच के लिए सीडीएल भेजे थे।
सीडीएल ने वेबसाइट पर रेबीज वैक्सीन के सैंपल फेल होने की पुष्टि की है। लैब की ओर से सैंपल फेल होने के बारे में मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी गई है। विशेषज्ञों की टीम जांच कर रही है कि सैंपल फेल होने के क्या कारण रहे, इसका जल्द ही पता लगेगा। जांच से वैक्सीन में क्या सुधार किए जा सकते हैं इसका खुलासा भी होगा।
सितंबर में फेल हुआ था रेबीज एंटी सीरम का सैंपल
सीडीएल में सितंबर में रैबीज एंटी सीरम का एक सैंपल फेल हुआ था। इसके अलावा टिटनेस टॉक्साइड वैक्सीन के चार सैंपल भी मानकों पर खतरे नहीं उतरे थे।
रेबीज वैक्सीन के ये हैं लाभ
रेबीज वैक्सीन का उपयोग रैबीज संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है। रैबीज ज्यादातर जानवरों की बीमारी है। अगर इंसानों को रैबीज से पीड़ित जानवर काट ले तो उन्हें भी रेबीज हो सकता है। अगर समय पर रैबीज इंजेक्शन न लगाया तो वायरस फैलने का भी खतरा रहता है और जान भी जा सकती है।
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