Gaggal airport expansion case : हाईकोर्ट ने प्रभावितों को भूमि से न हटाने के दिए आदेश

हिमाचल हाईकोर्ट ने गगल हवाई अड्डे के विस्तारीकरण मामले में प्रभावितों को भूमि से न हटाने के आदेश दिए हैं। अदालत ने सरकार और प्रतिवादियों से मामले में दो हफ्ते में ताजा स्टेटस रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिए हैं। मामले की सुनवाई न्यायाधीश संदीप शर्मा की एकल पीठ ने की।

अदालत ने कहा है कि हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर आवश्यक औपचारिकताओं पर सरकार अपनी अनुपालना रिपोर्ट दायर करे। इसके बाद ही महाधिवक्ता की ओर से 7 दिसंबर को दिए गए बयान को वापस लेने के प्रार्थना पर विचार किया जाएगा।

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महाधिवक्ता ने हाईकोर्ट में प्रभावित लोगों को उनकी जमीन से बेदखल न करने का आश्वासन दिया था। महाधिवक्ता ने आश्वासन हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए अधिसूचित भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 की धारा 11 (1) के तहत दिया था।

कोर्ट के 13 नवंबर के आदेशों के बाद सोमवार को विशेष सचिव पर्यटन और सीए ने पूरक हलफनामा दायर किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। उनमें से कुछ मामलों में भूमि अधिग्रहण कलेक्टर ने अवार्ड भी पारित कर दिया है।

 

अदालत ने कहा कि वन भूमि के डायवर्जन के संबंध में भारत सरकार की ओर से आवश्यक अनुमति नहीं दी गई है। न्यायालय ने पाया कि हवाई अड्डे के विस्तार का प्रस्ताव परियोजना स्क्रीनिंग समिति के पास लंबित है। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान सरकार से हवाई अड्डे को बनाने के लिए जरूरी अनुमतियों पर अनुपूरक हलफनामा दायर करने के आदेश दिए थे।

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Author: Ram Bhardwaj