हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुधवार से धर्मशाला के तपोवन परिसर में शुरू हो रहा है। चार दिवसीय सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के पहले दिन ही हंगामे के आसार हैं। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक से किनारा कर भाजपा ने इसके संकेत दिए हैं। दूसरी तरफ सत्तापक्ष भी विपक्ष को कड़ा जवाब देने के लिए तैयार है। विपक्ष सरकार को गारंटियां धरातल पर न उतरने के आरोपों पर घेरेगा तो सत्तापक्ष केंद्र से हिमाचल की अनदेखी को अपनी ढाल बनाएगा।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया ने मंगलवार को विस सभागार में पत्रकार वार्ता में कहा कि शीत सत्र की शुरुआत शून्यकाल से होगी। दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे के बीच विधानसभा सदस्य हिमाचल से जुड़े किसी भी विषय को उठा सकते हैं, लेकिन सत्र शुरू होने से एक घंटा पहले इसकी सूचना विधानसभा सचिवालय को देनी होगी।
एक सदस्य अधिकतम केवल दो विषय उठा सकता है। इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष अनुमति प्रदान करेगा। सरकार या संबंधित मंत्री चाहे तो जवाब दे सकते हैं अन्यथा सवाल संबंधित विभागों को जवाब के लिए भेजे जाएंगे। सत्र के दौरान 248 तारांकित प्रश्न पूछे जाएंगे। जबकि 68 अतारांकित प्रश्न होंगे। नियम 62 के तहत 5, नियम 63 के तहत 1, नियम 101 के तहत 5, नियम 130 के तहत 3 प्रश्न शामिल हैं।
चार बैठकों में 20 दिसंबर को प्राइवेट मेंबर्स डे होगा, इसमें सदस्य विधानसभा सचिव को प्रस्ताव भेजते हैं और उन्हें मेरिट के आधार पर बिजनेस एडवाइजरी कमेटी मंजूरी प्रदान करती है। एक दिन प्रश्नकाल के बाद उसके लिए होता है। तीन बैठकों में सत्ता पक्ष और विपक्ष सरकार की तरफ से जो बिल लाए जाते हैं और उस पर चर्चा होती है।
स्पीकर ने कहा कि यूट्यूब पर विधानसभा की कार्यवाही उपलब्ध है, लेकिन लाइव प्रसारण के लिए आने वाले समय में विचार किया जाएगा। इसके लिए धन की आवश्यकता है। अगर केंद्र बजट उपलब्ध करवाता है तो लोकसभा और राज्य सभा की तर्ज पर यह सुविधा शुरू की जा सकती है। बीते सत्र में भाजपा विधायकों के हंगामे पर अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के कुछ विधायकों को नोटिस भेजे थे, जिनके जवाब आ चुके हैं। लेकिन यह विधानसभा के अंदर की कार्यवाही है और विस के अंदर ही चलेगी
All party meeting : नेता प्रतिपक्ष जयराम और भाजपा विधायक सुखराम ने किया किनारा