Establishment of Balsan Principality : बलसन रियासत की स्थापना सिरमौर रियासत के राठौर वंशज “अलक सिंह” ने 12वीं शताब्दी में की थी। यह रियासत 1805 ई. से पूर्व सिरमौर रियासत की जागीर थी। गोरखा आक्रमण के समय (1805 ई. में) यह रियासत कुमारसेन की जागीर थी और इस पर जोग राज सिंह का राज था। जोगराजसिंह ने गोरखा युद्ध में ब्रिटिश सरकार की सहायता की और नागन दुर्ग डेविड आक्टरलोनी को सौंप दिया था। बलसन के शासक ठाकुर जोगराज सिंह को स्वतंत्र सनद 1815 ई. में प्रदान की गई।
बलसन रियासत ने 1857 ई. के विद्रोह में ब्रिटिश सरकार का साथ दिया और बहुत से यूरोपीय नागरिकों ने अपने यहाँ शरण दी। बलसन के शासक जोगराज को ब्रिटिश सरकार ने 1858 ई. में “खिल्लत” और “राणा” का खिताब दिया। बलसन रियासत का वरीयता में शिमला पहाड़ी रियासतों में 11वाँ स्थान था। बलसन रियासत के अन्तिम राणा रण भादुर सिंह थे। “हिस्ट्री ऑफ बलसन स्टेट” उन्हीं की लिखी पुस्तक है। वर्तमान में बलसन ‘ठियोग’ तहसील का हिस्सा है।