हिमाचल प्रदेश पंचायतीराज विभाग ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे पंचायत प्रतिनिधियों का ब्योरा तलब किया है। यह जानकारी देते हुए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए हमारी इच्छा है कि भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 2018 से 2025 तक 358 पंचायत प्रतिनिधियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलीं हैं और उनमें से 237 मामलों में जांच चल रही है। इसके अलावा 2018 से विभाग को 1,353 शिकायतें मिलीं, जिनमें से 611 का निपटारा किया जा चुका है।
हिमाचल में इसी साल दिसंबर में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने हैं। अनिरुद्ध सिंह ने पंचायतों के गठन का जिक्र करते हुए कहा कि करीब 750 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है क्योंकि एक नई पंचायत के गठन पर 6 से 7 करोड़ रुपये की राशि खर्च होती है।