पहाड़ी राज्य और उनके मुगलों के साथ संबंध – बाबर
बाबर ने 1525 में काँगड़ा के निकट ‘मलौट’ में अपनी चौकी स्थापित की। बाबर ने 1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में इब्राहिम लोदी को हराकर भारत में मुगल वंश की स्थापना की।
(ii) अकबर-
अकबर ने 1556 ई. में सिकंदर शाह को पकड़ने के लिए नूरपुर में अपनी सेना भेजी क्योंकि नूरपुर के राजा भक्तमल की सिंकदर शाह से दोस्ती थी। अकबर पहाड़ी राजाओं को अपनी अधीनता स्वीकार करने के लिए उनके बच्चों या रिश्तेदारों को दरबार में बंधक के तौर पर रखता था। अकबर ने काँगड़ा के राजा जयचंद को बंधक बनाया। जयचंद के पुत्र बिधीचंद ने अकबर के विरुद्ध नूरपुर के राजा तख्तमल के साथ मिलकर विद्रोह किया।
अकबर ने बीरबल को हुसैन कुली खान के साथ मिलकर इस विद्रोह को दबाने के लिए भेजा। अकबर ने 1572 ई. में टोडरमल को पहाड़ी रियासतों की जमीनें लेकर एक शाही जमींदारी स्थापित करने के लिए नियुक्त किया। इसमें काँगड़ा के 66 गाँव और चम्बा के रिहलू छेरी, पथियार और धारों क्षेत्र शामिल थे।
राजा जयचंद की 1585 में मृत्यु के बाद उसका बेटा बिधीचंद राजा बना। राजा बिधीचंद ने अपने पुत्र त्रिलोक चंद को बंधक के तौर पर मुगल दरबार में रखा। चम्बा का राजा प्रताप सिंह वर्मन अकबर का समकालीन था। वह मुगलों के प्रति समर्पित था। सिरमौर का राजा धर्म प्रकाश (1538-70 A.D.) अकबर का समकालीन था।