हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के करीब साढ़े पांच लाख विद्यार्थियों के लिए रोजाना बनने वाले मिड-डे मील में कृत्रिम रंगों का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। केंद्र सरकार की पीएम पोषण योजना के तहत हिमाचल सरकार ने गुणवत्ता और सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी किए।
खाद्य जनित बीमारियां रोकने को खाद्य सुरक्षा मानदंडों का पालन सुनिश्चित करने को कहा गया है। खाद्यान्न नमूनों का जिला स्तर पर संयुक्त रूप से परीक्षण करवाना भी अनिवार्य कर दिया गया है। शनिवार को प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की ओर से इस बाबत सभी जिला शिक्षा उपनिदेशकों को पत्र जारी किया गया।
राज्य सरकार ने स्कूली भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों में पोषण मानकों को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने पीएम पोषण (पूर्ववर्ती एमडीएम) योजना के तहत व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों का उद्देश्य स्कूली बच्चों को भोजन की खरीद, भंडारण, तैयारी और परोसने को सुव्यवस्थित करना है, जिसमें स्वच्छता और पोषण मूल्य पर जोर दिया गया है। इसी कड़ी में हिमाचल सरकार ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
दिशा-निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है कि परोसा जाने वाला भोजन पौष्टिक, स्वादिष्ट और स्वच्छता से तैयार किया जाना चाहिए। इसके चलते खाद्य मिलावट, कृत्रिम रंगों के उपयोग को प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय खाद्य निगम (FCI) की ओर से आपूर्ति किए जाने वाले खाद्यान्न को उचित औसत गुणवत्ता मानकों को पूरा करना चाहिए। वितरण से पहले गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नमूनों का जिला स्तर पर संयुक्त रूप से परीक्षण किया जाना चाहिए। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि स्कूली बच्चों को न केवल पौष्टिक भोजन मिले, बल्कि कड़े स्वच्छता मानकों के तहत तैयार किया गया भोजन भी मिले। इन बातों का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए गए हैं।
सब्जियां और फल ताजा हों
दालें तेल और मसाले जैसे एगमार्क गुणवत्ता-प्रमाणित पैक किए गए उत्पाद ही प्रयोग किए जाने चाहिए। सब्जियां और फल जैसी खराब होने वाली वस्तुएं ताजा होनी चाहिए। कच्चे माल को दूषित पदार्थों से दूर, साफ, सूखे और हवादार क्षेत्रों में संग्रहित किया जाना चाहिए। भंडारण कंटेनर गैर-विषाक्त होने चाहिए। नियमों में स्पष्ट किया गया है कि खाना पकाने की प्रक्रिया में पोषक तत्वों की मात्रा बनाए रखनी चाहिए। बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए भोजन को न्यूनतम 65 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर परोसा जाना चाहिए।
Use of artificial colors in mid-day meal has been banned. Himachal Government issued quality and safety guidelines under the PM Poshan Yojana of the Central Government.