वन स्टॉप सेन्टर एक केन्द्रीय प्रायोजित योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक स्थानों में हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एकीकृत सहायता प्रदान करना है तथा महिलाओं के खिलाफ हो रही किसी भी प्रकार की हिंसा से लड़ने के लिए एक ही छत के नीचे चिकित्सकीय, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहायता सहित कई सेवाएं तत्काल आपातकालीन और गैर आपातकालीन स्थितियों में प्रदान करना है।
One Stop Centre Scheme
हिमाचल प्रदेश में वन स्टॉप सेंटर 26.09.2017 को रेड क्रॉस बिल्डिंग, जोनल हॉस्पिटल सोलन के परिसर में संचालित किया गया है। योजना के अन्तर्गत् 30.01 लाख र आवर्ती और 13.41 लाख र अनावर्ती व्यय का प्रावधान है। दिसम्बर, 2017 तक 15.00 लाख ₹ का व्यय किया गया है तथा 12 महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता वन स्टॉप सेन्टर के अंतर्गत् प्रदान की गई है।
पृष्ठभूमिः
वन स्टॉप सेन्टर योजना भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम 1 अप्रैल 2015 को लागू की गई थी तथा पहले चरण में देश के विभिन्न हिस्सों में 150 वन स्टॉप सेन्टर स्थापित किये गये थे। इस योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में जिला सोलन में वर्ष 2016-17 में प्रथम वन स्टॉप सेन्टर स्थापित किया गया।
उद्देश्य :
1. वन स्टॉप सेन्टर में हिंसा से प्रभावित महिलाओं, तनावग्रस्त महिलाओं को एक ही छत के नीचे निजी और सार्वजनिक स्थानों में एकीकृत सहायता प्रदान की जाती है।
2. महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिसां से लडने के लिए आपातकालीन, गैर आपातकालीन स्थिति में एक ही छत के नीचे चिकित्सीय, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहायता सहित ही अन्य सेवायें प्रदान की जाती है।
पात्रता / लक्ष्य समूह
हिसां से प्रभावित सभी महिलाएं एव बालिकायें ।
सेवायें :
हिंसा से पीड़ित महिलाओं को वन स्टॉप सेन्टर में निम्नदर्शित सेवायें उपलब्ध करवाई जाती है:-
1. पुलिस स्टेशन में प्राथमिक सूचना दर्ज करने में सहायता।
2. कानूनी सहायता एवं मार्गदर्शन।
3. खाने-पीने की सुविधा।
4. अस्पताल में इलाज।
5. मनोचिकित्सिय परामर्श सेवायें।
6. रहने-सहने की अल्पकालिक व्यवस्था ।
7. विडियो कान्फैसिंग की सुविधा।
सम्पर्क अधिकारीः
जिला कार्यक्रम अधिकारी / बाल विकास परियोजना अधिकारी / पर्यवेक्षक / आंगनबाडी कार्यकर्ता।
NPS Vatsalya pension scheme for children
One Stop Centre Scheme