राष्ट्रीय पोषण अभियान क्या है

Poshan Abhiyaan - Jan Andolan

माननीय प्रधानमन्त्री द्वारा राष्ट्रीय पोषण अभियान का शुभारम्भ 8 मार्च, 2018 को राजस्थान के जिला झुनझुनू से किया गया। इस अभियान के अन्तर्गत हि० प्र० के पॉच जिलों कमशः चम्बा, हमीरपुर, शिमला सोलन व ऊना का चयन किया गया । माननीय मुख्य मन्त्री हि० प्र० द्वारा अभियान का शुभारम्भ जिला सोलन से 14 अप्रैल, 2018 को किया गया ।

Poshan Abhiyaan – Jan Andolan

उद्देश्य : राष्टीय पोषण मिशन का उद्देश्य 0-6 आयुवर्ग के बच्चों में ठिगनेपन को वर्ष 2022 तक राष्ट्रीय स्तर पर 38.4 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करना है।

 

1. बच्चों में ठिगनेपन को रोकना एवं कम करना
2. बच्चों में अल्प-पोषण को रोकना एवं कम करना
3. छोटे बच्चों में रक्ताल्पता को कम करना
4. 15-49 आयुवर्ग की महिलाओं तथा किशोरियों में रक्ताल्पता को कम करना।
5. जन्म के समय कम वजन (एलबीडब्ल्यू) को कम करना

पात्रता : राष्ट्रीय पोषण मिशन के अन्तर्गत 0-6 आयु वर्ग के बच्चे, गर्भवती महिलायें तथा धात्री माताएं ।

गतिविधियां :

• सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) आधारित रियल टाइम निगरानी प्रणाली के माध्यम से सेवा प्रदायगी की निगरानी के लिए कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) तथा आईटी संबद्ध सेवा फील्ड पदाधिकारियों को उपलब्ध करवाई जाएगी।

 

• डाटा कैपचर करने के लिए सभी पर्यवेक्षकों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को स्मार्ट फोन प्रदान किए जाएंगे।

• सभी लाभार्थियों जिसमें गर्भवती महिलाएं, धात्री माताएं, नवजात शिशु तथा 6 साल तक की आयु के बच्चे शामिल है, का वजन एवं कद को ठीक से रिकॉर्ड करने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों के विकास निगरानी उपकरण खरीदे जाएंगे।

• विकास निगरानी उपकरणों में इनफैंटो मीटर, स्टैडियो मीटर, वजनमापी (शिशु) तथा वजनमापी (मां एवं बच्चा) शामिल होगें ।

• आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ द्वारा अल्पवजन, ठिगनेपन एवं विकास अवरूद्धता का पता लगाने के लिए सॉफटवेयर ऐप्लीकेशन के माध्यम से हर माह वजन रिकार्ड करेगी तथा हर तीसरे महीने लम्बाई / ऊँचाई रिकार्ड की जायेगी ।

 

• पोषण अभियान व्यापक भागीदारी के माध्यम से पोषण में सुधार लाने के पैजैन्डा को जन आन्दोलन में परिवर्तित करने पर बल देगा। सामुदायिक संचेतना, पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से जागरूकता एवं आई०ई०सी० एस०, स्वयं सहायता समूह, सामाजिक संचेतना अभियान, सोशल मिडिया सहित मिडिया का उपयोग, ग्राम सम्पर्क अभियान, स्वेच्छिक कार्य आदि के माध्यम से शुरू किए जाएंगें।

• चिकित्सा जटिलता रहित गम्भीर रूप से कुपोषित बच्चों का सामुदाय आधारित प्रबन्धन दिशा-निर्देशों के अनुसार किया जाएगा।

 

सम्पर्क अधिकारी: जिला कार्यक्रम अधिकारी/बाल विकास परियोजना अधिकारी/पर्यवेक्षक / आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

 

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