राजीव गांधी किशोरी सशक्तीकरण योजना (सबला)
भारत सरकार द्वारा नवम्बर 2010 से देश के 200 चुनिंदा जिलों में प्रायोगिक आधार पर किशोरियों के सर्वांगीण विकास हेतु पोषण कार्यकम (एन.पी.ए.जी.) और ‘किशोरी शक्ति योजना (के.एस.वाई.) जैसे मौजूदा कार्यक्रमों के स्थान पर राजीव गांधी किशोरी सशक्तीकरण योजना सबला योजना आरम्भ की गई। हिमाचल प्रदेश में यह योजना चार जिलों कमशः सोलन, कुल्लू, चम्बा तथा कांगड़ा में कियान्वित की जा रही है।
उद्देश्यः
(i) आत्म-विकास एवं सशक्तीकरण हेतु किशोरियों को सक्षम बनाना;
(ii) उनके पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार करना;
(iii) स्वास्थ्य, सफाई, पोषण, किशोरी प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य (ए.आर.एस.एच.) और परिवार एवं बाल देख-रेख के विषय में जागरूकता को बढ़ावा देना;
(iv) उनके घरेलू कौशलों, जीवन कौशलों का उन्नयन करना एवं व्यावसायिक कौशलों हेतु उन्हें राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम के साथ जोड़ना;
(v) पढ़ाई छोड़ चुकी किशोरियों को औपचारिक / अनौपचारिक शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना;
(vi) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, डाक घर बैंक, पुलिस स्टेशन आदि जैसी मौजूदा सार्वजनिक सेवाओं के बारे में सूचना / मार्गदर्शन प्रदान करना।
योजना लागत वहनः
पोषण प्रावधानः 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार व 50 प्रतिशत राज्य सरकार।
गैर पोषाहार प्रावधानः 100 प्रतिशत केन्द्र सरकार (3.8 लाख रूपये प्रति परियोजना प्रतिवर्ष का प्रावधान)
पात्रताः
11 से 18 वर्ष आयुवर्ग की किशोरियां सहायता एवं सेवाए :
I. पोषण प्रावधानः पढ़ाई छोड़ चुकी 11 से 14 वर्ष आयुवर्ग की किशोरियां व 15 से 18 वर्ष
आयुवर्ग की सभी किशोरियां।
II. आयरन फौलिक एसिड अनुपूरण।
Ⅲ. स्वास्थ्य जांच एवं रेफरल सेवाएं।
IV. पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षा।
V. परिवार कल्याण, किशोरी प्रजनन एवं यौन स्वास्थ्य, बाल देखरेख पद्वतियां एवं गृह प्रबंधन पर परामर्श / मार्गदर्शन ।
VI. जीवन कौशल शिक्षा तथा सार्वजनिक सेवाओं तक पहुंच।
VII. राष्ट्रीय कौशल कार्यक्रम के अतंर्गत 16 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की किशोरियों हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण।
प्रकियाः
पात्र किशोरियां आंगनवाड़ी केन्द्र में पंजीकरण करवाकर योजना के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सेवाओं का लाभ उठा सकती है।
सम्पर्क अधिकारीः
सम्बन्धित जिला कार्यकम अधिकारी/बाल विकास परियोजना अधिकारी / पर्यवेक्षिका / आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता ।