हिमाचल प्रदेश मे चेरवाल का त्योहार

HISTORY

आग का त्योहार (मध्य-अगस्त में) ‘चेरवाल’ भादों मास की पहली तारीख को मनाया जाता है। इसमें चिड़े की पूजा करते हैं व चिड़े के गीत गाये जाते हैं। प्रथम असुज को चिड़े को उतारकर गोबर के ढेर पर फेंक दिया जाता है जहाँ से उसे खेतों में लाया जाता है। इसे पृथ्वी पूजा कहते हैं।

 

कुल्लू में इस त्योहार को बदरांजो (भादों में मनाया जाने वाला त्योहार) कहा जाता है। इसे पशुपूजा के रूप में मनाया जाता है। उन्हें हल में जोता नहीं जाता। चम्बा में इस त्योहार को पतरोडू कहते हैं। इस उत्सव में ‘पतरोडू’ (अरबी के पत्ते) नामक पकवान बनाया जाता है।

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