हिमाचल सरकार नई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्की से बचाने के लिए सक्रिय हो गई है। सरकार ने हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार एक हाइड्रो पावर कंपनी के अपफ्रंट मनी चुकाने के केस में 64 करोड़ रुपए जमा करने की प्रक्रिया लगभग फाइनल कर दी है। उपरोक्त रकम का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है।
इसे सोमवार को हाई कोर्ट की रजिस्ट्री में जमा करवाया जाएगा। राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल अनूप रतन ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि 64 करोड़ रुपए का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है।
शनिवार को ये जमा नहीं हो सका, लिहाजा इसे सोमवार को हाई कोर्ट की रजिस्ट्री के समक्ष जमा करवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सेली हाइड्रो इलेक्ट्रित कंपनी ने हिमाचल सरकार के उर्जा विभाग के खिलाफ हाई कोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की थी।
मामले के अनुसार लाहुल-स्पीति में 320 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगना था। सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी ने इसके लिए अपफ्रंट मनी के तौर पर 64 करोड़ रुपए जमा करवाए थे। बाद में कई कारणों से प्रोजेक्ट नहीं लगा तो कंपनी ने अपफ्रंट मनी वापस मांगी। मामला आर्बिट्रेशन में गया और वहां से फैसला कंपनी के हक में आया। बाद में कंपनी ने उर्जा विभाग के खिलाफ हाई कोर्ट में अनुपालना याचिका दाखिल की। इसी केस में हिमाचल भवन अटैच हो गया था।