कुटलेहर रियासत के वंशज ‘चारू’ (चिरू) ने भज्जी रियासत (Bhajji Riyasat) की स्थापना की थी जिसने बाद में अपना नाम बदलकर उदयपाल रख लिया था। चारू की 29वीं पीढ़ी के सोहनपाल ने सुन्नी शहर की स्थापना की तथा भज्जी रियासत को राजधानी भज्जी से सुन्नी स्थानांतरित किया। भज्जी रियासत पर 1803 से 1815 ई. तक गोरखों का कब्जा रहा।
गोरखों को 1815 ई. में निकालने के बाद ब्रिटिश सरकार ने राणा रुद्रपाल को स्वतंत्र सनद प्रदान की। राणा रुद्रपाल 1842 ई. में राजगद्दी त्याग कर हरिद्वार आश्रम में रहने लगे। भज्जी रियासत के अंतिम शासक राणा रामचन्द्र पाल थे। भज्जी को 1948 में तहसील बनाकर (महासू) हिमाचल प्रदेश में विलय किया गया। वर्तमान में भज्जी सुन्नी तहसील का भाग है।