Discovery of Shimla : शिमला का समृद्ध इतिहास: पहाड़ों की रानी की गाथा

Discovery of Shimla

The Rich History of Shimla: The Saga of the Queen of Hills 

शिमला का नामकरण Discovery of Shimla

शिमला शहर का नामकरण श्यामला देवी के नाम (नीली महिला) पर हुआ जो कि भगवती काली का दूसरा नाम है। रोथनी कैसल के पास जाखू पहाड़ी पर श्यामला देवी का छोटा-सा मंदिर था जिसे ब्रिटिश काल में काली बाड़ी में स्थानांतरित किया गया। श्यामला देवी के नाम पर ही शिमला का नामकरण हुआ है।

 

शिमला शहर की खोज

सन् 1817 ई. में स्कॉटलैण्ड के 2 अधिकारियों कैप्टन पैट्रिक जेराड और अलेक्जेन्डर जेराड ने अपनी डायरी में शिमला गाँव का वर्णन किया था। शिमला पहाड़ी रियासत के पहले असिस्टेंट पॉलीटिकल एजेन्ट लेफ्टिनेंट रोज ने 1819 ई. में शिमला की सर्वप्रथम खोज की और लकड़ी का मकान (कॉटेज) बनवाया। चार्ल्स पैट कैनेडी ने 1822 ई. में शिमला में पहला पक्का मकान बनवाया जो कैनेडी हाउस के नाम से विख्यात हुआ।

 

लार्ड एमहर्स्ट शिमला आने वाले पहले गवर्नर जनरल थे जो 1827 ई. में शिमला के ग्रीष्मकालीन प्रवास के दौरान कैनेडी हाउस में ठहरे थे। लार्ड एमहर्स्ट ने इस प्रवास के दौरान ये शब्द कहे थे “मैं और चीन का राजा आधी मानव जाति पर राज करते हैं फिर भी हमें नाश्ते का समय मिल जाता है।” लॉर्ड काम्बरमेयर ने 1828 ई. में काम्बरमेयर पुल का निर्माण करवाया। शिमला में 1828-29 में बैंटिक कैसल, ऑकलैण्ड हाउस, स्नोडन और बैनिमोर भवन बनकर तैयार हुए।

 

• शिमला का इतिहास – 1830 से 1840 ई. की घटनाएँ-

1830 ई. में मेजर कैनेडी ने शिमला शहर के लिए रावीं के बदले क्योंथल के राजा से फागली, बैमलोई, कनलोग, खलीनी आदि 12 गाँव लिए तथा महाराजा पटियाला में कैंथू, चयोग और बधोग आदि 4 गाँव लिए थे। शिमला शहर की पहली मस्जिद गुलबुद्दीन का 1830 ई. में निर्माण किया गया। गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैंटिक ने 1832 ई. में शिमला की यात्रा की। अन्नाडेल मैदान में 1833 ई. में पहला फन मेला आयोजित किया गया।

 

मेजर कैनेडी ने शिमला पहाड़ी क्षेत्र में आलू की खेती शुरू करवाई। अफगानिस्तान पर हमले का फैसला 1838 ई. में ऑकलैण्ड हाउस में लिया गया। कर्नल रॉथनी ने 1838 ई. में रॉथनी कैसल का निर्माण करवाया। लार्ड ऑकलैण्ड प्रथम ब्रिटिश शासक थे जिन्होंने शिमला में अपने आवास के लिए 1836 ई. में जमीन खरीदी जिस पर ऑकलैण्ड हाउस का निर्माण हुआ।

 

• शिमला का इतिहास – 1840-1850 ई. की घटनाएँ-

कर्नल जे. बायलू ने 1844 ई. में ऑब्जरवेटरी हाउस का निर्माण करवाया जो बाद में वायसरीगल लॉज बना।
गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग और कलकत्ता के बिशप रे. डेनियल विल्सन ने 1844 ई. को शिमला के क्राइस्ट चर्च की रिज मैदान पर नींव रखी जो 1857 ई. में बनकर तैयार हुआ। 1844 ई. में यू.एस. क्लब बना।

 

•  शिमला का इतिहास – 1850-1860 ई. की घटनाएँ-

लार्ड डल्हौजी ने अपने ‘चीनी प्रवास’ के दौरान 1850-51 ई. में ‘हिन्दुस्तान तिब्बत सड़क’ का निर्माण शुरू करवाया जो 1860 ई. से परिवहन के लिए इस्तेमाल हुआ। मेजर ब्रिग्ज ने 1851 ई. में ढली में सुरंग बनवाई। शिमला नगरपालिका की 1851-52 ई. में स्थापना हुई। बिशप कॉटन स्कूल (B.C.S.) की 1859 ई. में स्थापना हुई। कर्नल कैथयंग का आवास एलर्जली 1857 ई. में बनकर तैयार हुआ। 1857 ई. के विद्रोह के समय लार्ड विलियम हे शिमला के उपायुक्त और जनरल एन्सन, आर्मी के कमाण्डर-इन-चीफ (शिमला) थे।

 

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