Establishment of Dhami principality : धामी रियासत की स्थापना पृथ्वीराज चौहान के वंशज गोविंद रियासत के राजा राजसिंह ने ‘पाल’ के स्थान पर सिंह ‘प्रत्यय’ लगाना शुरू किया। गोरखा आक्रमण (1805 ई.) से पूर्व धामी बिलासपुर (कहलूर) रियासत की जागीर थी।
धामी पर 1805 से 1815 तक गोरखों का कब्जा रहा। अंग्रेज-गोरखा युद्ध (1815) में धामी के राणा गोवर्द्धन ने अंग्रेजों का साथ दिया जिसके बाद ब्रिटिश सरकार ने उन्हें स्वतन्त्र सनद प्रदान की। राणा गोवर्धन सिंह ने 1857 ई. के विद्रोह में भी अंग्रेजों की सहायता की थी।
धामी रियासत की राजधानी ‘हलोग’ थी। धामी को 15 अप्रैल, 1948 ई. में कुसुमपट्टी तहसील का भाग बनाकर महासू जिले में मिलाया गया।
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