Keonthal Riyasat : क्योंथल रियासत की स्थापना सुकेत रियासत के संस्थापक बीरसेन के छोटे भाई गिरिसेन ने 1211 ई. में की थीं। 1379 ई. में क्योंथल रियासत फिरोजशाह तुगलक के अधीन आ गई थी। 1800 ई. से पूर्व क्योंथल रियासत के अधीन 18 ठकुराइयाँ थीं। कोटी, घुण्ड, ठियोग, मधान, महलोग, कुठार, कुनिहार, धामी, धरोच, शांगरी, कुमारसेन, रजाणा, खनेटी, मैली, खालसी, बधारी, दौसयाली और घाट।
गोरखा आक्रमण के समय (1809 ई.) राणा रघुनाथ सेन सुकेत भाग गए थे। क्योंथल की 18 ठकुराइयाँ 1814 ई. में अलग हुई। वर्ष 1815 ई. में घुण्ड, मधान, रतेश, ठियोग और कोटी ठकुराइयाँ क्योंथल रियासत के अधीन आई। वर्तमान शिमला शहर क्योंथले रियासत के अधीन था जिसे 1830 ई. में ब्रिटिश सरकार ने रावी ठकुराई के बदले प्राप्त किया। क्योंथल रियासत की राजधानी जुंगा थी।
क्योंथल के राणा संसार सेन ने 1857 ई. के विद्रोह में अंग्रेजों की मदद की जिसके बदले उन्हें ‘राजा’ की उपाधि और ‘खिल्लत’ प्रदान किया गया। क्योंथल के राजा ने कुसुमपटी को 1884 ई. को ब्रिटिश सरकार को पट्टे पर दिया था। हितेंदर सेन क्योंथल रियासत के अंतिम शासक थे।