Hill states and their relations with Sikhs

खालसा पंथ की स्थापना –

13 अप्रैल, 1699 ई. को वैशाखी के दिन गुरु गोविंद सिंह जी ने 80 हजार सैनिकों के साथ आनंदपुर साहब में खालसा पंथ की स्थापना कर सिखों को एक सैनिक शक्ति के रूप में संगठित किया जिससे पहाड़ी राज्य डर गए। कहलूर के राजा ने मुगलों से सहायता मांगी। गुरुजी ने निरमोह में मुगल सेना को पराजित किया।

 

• आनंदपुर से दक्षिण प्रवास- 1703 ई. में पहाड़ी राजाओं और मुगलों ने मिलकर आनंदपुर साहिब को घेर लिया। गुरुजी 1704 ई. में आनंदपुर साहिब छोड़कर नांदेड चले गए। उन्हें माधो सिंह वैरागी (बंदा बहादुर) का साथ मिला जिसे उन्होंने सिख पंथ का नेतृत्व करने और मुगलों से बदला लेने के लिए उत्तर भारत भेजा। सरहिन्द में गुरुजी के बेटों को शहीद कर दिया गया। गुरुजी की 1708 ई. में नाबेंड में पठान द्वारा धोखे से हत्या कर दी गई।

 

(vi) बंदा बहादुर-

 

बंदा बहादुर ने पंजाब के अनेक शहरों को लूटा व पंजाब के मुगल गवर्नर से भयंकर बदला लिया। बंदा बहादुर 1710 में नाहान पहुँचा, जहाँ से वह कीरतपुर पहुंचा और कहलूर के राजा भीमचंद को अपना शिकार बनाया। मण्डी के राजा सिद्धसेन और चम्बा के राजा ने बंदा बहादुर को कर देना स्वीकार कर लिया।

 

मुगल बादशाह फर्रुखसियार ने अन्दुस समद को बंदा बहादुर से युद्ध करने के लिए भेजा। बंदा बहादुर को 1715 ई. में पकड़ लिया गया और 1716 ई. में फाँसी पर लटका कर शहीद कर दिया गया। बंदा बहादुर की मृत्यु के बाद सिख 12 मिस्लों में बँट गए।

Mukhya Mantri Kanyadan Yojna मुख्य मन्त्री कन्यादान योजना

Hill states and their relations with the Sikhs)

Author: Ram Bhardwaj