हिमाचल प्रदेश 4जी संतृप्ति परियोजना के तहत भूमि हस्तांतरण के लिए 100 प्रतिशत अनपत्ति प्रमाण पत्र देने वाला देश का पहला राज्य है। राज्य के संबंधित विभागों से सभी आवश्यक स्वीकृतियां समयबद्ध और व्यवस्थित रूप से प्रदान की गई। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा कि अब तक 366 वन स्थलों और 46 सरकारी स्थलों के लिए मंजूरी प्रदान की गई है, जो कुल 658 स्थानों को कवर करती हैं। अब तक 294 टावर कार्यशील हो चुके हैं, जबकि 37 अतिरिक्त टावरों पर कार्य प्रगति पर है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार जनजातीय और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्तायुक्त और उच्च प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने जनजातीय और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के दृष्टिगत अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने कार्यकाल के दौरान अप्रैल, 2023 में पहला हिमाचल दिवस स्पीति घाटी के काजा में मनाया था। इससे प्रदेश भर के दूरदराज गांवों में 4जी टावरों की स्थापना संभव हो पाई है, जहां अब तक कवरेज नहीं थी। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिले के सुदूरवर्ती गांव रारिक को हाई-स्पीड 4जी ब्रॉडबैंड सेवा सुविधा प्रदान कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि बीएसएनएल के सहयोग से संभव हुई है। इससे इस ठंडे और दूरदराज क्षेत्र के निवासियों की आधुनिक दूरसंचार बुनियादी ढांचे तक पहुंच सुनिश्चित हुई है। इस क्षेत्र में तापमान अक्सर शून्य डिग्री से नीचे चला जाता है और आधुनिक दूरसंचार अवसंरचना तक पहुंच सीमित रहती है। उन्होंने कहा कि रारिक में नव-स्थापित 4जी साइट को उपग्रह संचार प्रणाली (वीएसएटी) तकनीक का उपयोग करके स्थापित किया गया है।
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