14. हिमाचल: कैबिनेट सब कमेटी की पहली बैठक में सरकार के आय व्यय पर चर्चा
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में रिसोर्स मोबिलाइजेशन को लेकर गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की पहली बैठक में सरकार के कर और गैर-करों से होने वाली आय और व्यय पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि सरकार को प्रति वर्ष 10555 करोड़ रुपए करों से और 2074 करोड़ रुपए गैर-करों से आय होती है, जो कुल मिलाकर 12629 करोड़ रुपए बनती है, जबकि कर्मचारियों के वेतन और पैंशन पर 16000 करोड़ रुपए से अधिक खर्च आता है।
इस स्थिति में सरकार को अतिरिक्त वित्तीय संसाधन तलाशने की आवश्यकता है। बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, और योजना विभाग के सलाहकार डॉ. बासु सूद के अतिरिक्त विभागीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
बैठक के बाद पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि सरकार अनावश्यक खर्चों में कटौती कर आय के नए संसाधन तलाशने की तैयारी में जुटी है। वर्तमान में सरकार पर 86589 करोड़ रुपए का ऋण हो चुका है, और उसे कर्मचारियों के एरियर के 9,000 करोड़ रुपए और पेंशनरों के 3000 करोड़ रुपए चुकाने हैं। इसके अतिरिक्त, राजस्व घाटा अनुदान राशि में कटौती के कारण सरकार को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यह एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि वर्ष 2025-26 में राजस्व घाटा अनुदान घटकर 3000 करोड़ रुपए रह जाएगा और जीएसटी मुआवजा जून 2022 से मिलना पहले ही बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में गाड़ियों के अनुपयोगी खर्चों का पता लगाकर उन्हें बंद करेगी, साथ ही भर्ती प्रक्रिया को मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद ही आगे बढ़ाया जाएगा।