हिमाचल में पेपर लीक में फंसी भर्ती परीक्षाओं को क्लियर करवाने के लिए बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक दोबारा होने वाली है। इसके लिए 14 या 15 जुलाई की तैयारी चल रही है। इस सब-कमेटी के अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री हैं। इस बैठक के लिए कैबिनेट सब-कमेटी ने इस बार भारत सरकार के उस कानून पर भी नोट मांगा है, जिसे पेपर लीक की घटनाएं रोकने के लिए सख्त किया गया है।
कार्मिक विभाग पब्लिक एग्जाम्स प्रिवेंशन ऑफ़ अनफेयर मीन्स एक्ट-2024 पर नोट तैयार कर रहा है। कैबिनेट सब-कमेटी यह फैसला लेगी कि इसी कानून को हिमाचल में भी एडॉप्ट कर लिया जाए या फिर यहां नया कानून बनाया जाए। बहुत से राज्यों ने भारत सरकार के इस कानून को ही अपने यहां लागू किया है, जबकि मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अपना कानून भी साथ में ला रहे हैं। केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह ही प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य प्रवेश परीक्षाओं में गड़बड़ी और अनियमितताओं को खत्म करने के लिए एक सख्त कानून को अधिसूचित किया है।
इस कानून के तहत, जो लोग पेपर लीक जैसे अपराधों में शामिल होंगे, उन्हें सख्त दंड दिया जाएगा, जिसमें अधिकतम 10 साल की कैद और एक करोड़ तक का जुर्माना शामिल है। सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 को अधिसूचित किया गया है, जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मंजूरी दिए जाने के चार महीने बाद 21 जून को लागू हुआ।
यह कानून नौ फरवरी को राज्यसभा से पारित हो गया था। इसे छह फरवरी को लोकसभा में पारित किया गया। इसे 12 फरवरी को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। यूपीएससी, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित परीक्षाएं इस कानून के दायरे में आती हैं। इस कानून के तहत अब जो कोई भी पेपरलीक या परीक्षा में अनियमितता से जुड़े अपराधों में शामिल होगा, उसे पांच से 10 साल की कैद और न्यूनतम एक करोड़ का जुर्माना देना होगा।
कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक इससे पहले 11 जून को हुई थी। इसमें जूनियर ऑफिस अस्सिटेंट पोस्ट कोड 903 और 939 का रिजल्ट घोषित करने को लेकर फैसला लिया गया था। उसके बाद इस फैसले को कैबिनेट से अप्रूवल मिलनी थी, लेकिन मिनट्स साइन न होने के कारण इसे कैबिनेट के सामने नहीं रखा जा सका था। अब कार्मिक विभाग ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी के लौटते ही उनके साइन मिनट्स में करवा दिए हैं और अब अगली कैबिनेट की बैठक में इन दोनों पोस्ट कोड का मामला भेजा जा रहा है।