मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राज्य में स्कूल स्वास्थ्य मिशन का क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा छह वर्ष तक की आयु के बच्चों की पोषण संबंधी समस्याओं के समाधान के साथ-साथ मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम, नशामुक्ति और पुनर्वास के लिए कार्य योजना तैयार करेगी।
उन्होंने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को गर्भवती महिलाओं और एक वर्ष की आयु तक के शिशुओं के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए एक प्रणाली तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में नशा माफिया पर नकेल कसने की पहल की है और कई नशा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है।
शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर किया विचार-विमर्श
एमडी (पीडियाट्रिक्स) राष्ट्रीय निदेशक कॉर्ड पद्मश्री पुरस्कार विजेता क्षमा मीटर, बीएमजीएफ के राष्ट्रीय निदेशक हरि मेनन, पीएचएनडीसी की निदेशक डाॅ. शीला, सी. वीर, पीएचएनडीसी की तकनीकी सलाहकार डाॅ. वंदना सभ्रवाल, एमडी डाॅ. रूपल दलाल, ईसोमसा की निदेशक किरण भड़ाना तथा एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ के विशेषज्ञों ने भी एक दिवसीय कार्यशाला के दौरान शिशु स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न मामलों पर विचार-विमर्श किया।
चिकित्सा पर्यटन को दिया जा रहा बढ़ावा, किए कई बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए चिकित्सा पर्यटन को भी बढ़ावा दे रही है, जिसके लिए प्रदेश में बुनियादी ढांचे को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गत दो वर्षों में स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने को विशेष अधिमान दिया है तथा इन क्षेत्रों में आवश्यक बदलाव किए हैं।
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