• राजधानी का स्थानांतरण –
नेकट प्रकाश (1398-1414 ई.) ने रियासत की राजधानी गिरि नदी के तट पर ‘नेरी गाँव’ में स्थापित की।
गर्वप्रकाश (1414-1432)
ने रियासत की राजधानी ‘नेरी’ से जोगड़ी किले में स्थानांतरित की। ब्रह्म प्रकाश (1432-1446 ई.) ने रियासत की राजधानी पच्छाद के ‘देवठल’ में स्थापित की।
धर्म प्रकाश (1538-1570 ई.)
ने रियासत की राजधानी ‘देवठल’ से बदलकर पुनः कालसी में स्थापित की।
दीप प्रकाश (1570-1585 ई.)
दीप प्रकाश ने सिरमौर के त्रिलोकपुर में 1573 ई. में बाला सुन्दरी का मंदिर बनवाया।
बुद्धि प्रकाश (1605-1615 ई.) –
बुद्धि प्रकाश ने अपनी राजधानी कालसी से स्थानांतरित कर राजपुर बनाई।
कर्म प्रकाश (1616-1630 ई.)
कर्म प्रकाश ने बाबा बनवारी दास के परामर्श से 1621 ई. में सिरमौर रियासत की राजधानी ‘राजपुर से नाहन’ स्थानांतरित की। कर्म प्रकाश ने नाहन शहर और नाहन किले की नींव रखी।
मन्धाता प्रकाश (1630 ई.-1654 ई.)
मन्धाता प्रकाश शाहजहाँ का समकालीन था। उसने काँगड़ा के फौजदार नजावत खाँ की गढ़वाल अभियान में सहायता की थी। उसने इराज खाँ की भी गढ़वाल अभियान में मदद की थी।
सोभाग प्रकाश (1654-64 ई.)
सोभाग प्रकाश शाहजहाँ और औरंगजेब का समकालीन शासक था।