(11) किशोरी शक्ति योजना – (हिमाचल प्रदेश)
किशोरी शक्ति योजना केन्द्रीय प्रायोजित योजना के रूप में 11 से 18 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के सशक्तीकरण के लिए है जिसमें साक्षरता को बढ़ावा देने, गृह आधारित एवं व्यवसायिक कौशल जीवन कौशल में सुधार लाने, उनमें स्वास्थ्य, पोषाहार, स्वच्छता, गृह प्रबन्धन एवं बच्चों की देख-रेख तथा किशोर प्रजनन और गौन स्वास्थ्य (ए. आर. एस.एच.) सम्बन्धी ज्ञान को बढ़ाने हेतु है। वित्तीय वर्ष 2014-15 तक यह योजना 100 प्रतिशत केन्द्रीय प्रायोजित थी जो वित्तीय वर्ष 2015-16 से 90 10 के अनुपात में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। योजना प्रदेश के 8 जिलों शिमला, सिरमौर, किन्नौर, मण्डी, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना तथा लाहौल-स्पिति चलाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत् गैर पोषाहर घटक पर प्रति वर्ष प्रति परियोजना 1.10 लाख र तक व्यय करने का प्रावधान है।
चालू वित्त वर्ष में, दिसम्बर 2017 तक 17.12 लाख र की राशि व्यय कर दी गयी है। वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही तक 8 के.एस.वाई. जिलों में 36,581 किशोरियों को 5.00 ₹ प्रति दिन तक पूरक पोषहार प्रदान किया गया। महिला एवं बाल विकास मन्त्रालय, भारत सरकार द्वारा 25.11.2017 को किशोरी शक्ति योजना को 11-14 वर्ष की स्कूल ना जाने वाली किशोरियों तक सीमित किया गया है।
दिनांक 8.12.2017 से किशोरी शक्ति योजना के स्थान पर किशोरियों के लिए योजना (एस.ए.जी.) का विस्तार शिमला तथा हमीरपुर जिले में किया गया है। इस प्रकार किशोरी शक्ति योजना, हिमाचल प्रदेश के छः जिलों में चल रही है। भारत सरकार द्वारा पोषाहार दरों में संशोधित कर 5.00 ₹ से 9.50 ₹ प्रति दिन प्रति किशोरी के लिए कर दिया गया है।