HP Govt Schemes : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाएं

(7) अनुसूचित जाति उपयोजना- (हिमाचल प्रदेश)

प्रदेश में अनुसूचित जातियों की संख्या किसी क्षेत्र में केंद्रित न होकर समूचे प्रदेश में फैली हुई हैं और सभी लोगों की तरह समान रूप से इनका विकास भी किया जाना है। अनुसूचित जातियों के संबंध में आर्थिक विकास का दृष्टिकोण क्षेत्रीय आधार पर नहीं है जबकि जन-जातीय उप योजना क्षेत्रीय आधार पर है। जिला बिलासपुर कुल्लू, मण्डी, सोलन, शिमला और सिरमौर अनुसूचित जाति अधिकता वाले जिले हैं। जहाँ अनुसूचित जातियों की जनसंख्या राज्य औसत से अधिक है। राज्य में इन छः जिलों में कुल अनुसूचित जाति जनसंख्या का 61.09 प्रतिशत है।

 

Himachal Pradesh Government Schemes
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अनुसूचित जाति उपयोजना की आवश्यकता के अनुरूप एवं प्रभावी बनाने, योजना के कार्यान्वयन एवं निगरानी/अनुश्रवण के लिए इकहरी प्रशासनिक प्रणाली शुरू की है। सभी जिलों को निर्धारित मापदण्डों के आधार पर बजट आवंटित किया गया है जो दूसरे जिलों के लिए नहीं बदला जा सकता। प्रत्येक जिला में जिलाधीश इस योजना के कार्यान्वयन से संबंधित विभागों/क्षेत्रीय विभागों के अधिकारियों के परामर्श से जिला स्तरीय योजनाएँ तैयार करते हैं।

• अनुसूचित जातियों के कल्याण से संबंधी सभी कार्यक्रमों को प्रभावी तौर पर कार्यान्वित किया गया है। यद्यपि अनुसूचित जाति समुदाय के लोग सामान्य योजना एवं जन-जाति उप-योजना में भी लाभान्वित हो रहे हैं फिर भी विशेष तौर पर व्यक्तिगत लाभ के कार्यक्रम और अनुसूचित बहुल्य गाँवों में आधारभूत संरचना के विकास के लिए विशेष लाभकारी कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। राज्य योजना के कुल बजट का 25.19 प्रतिशत अनुसूचित उप-योजना के लिए अलग से प्रावधान किया गया है। सरकार अनुसूचित जाति के परिवारों को रोजगार प्रदान व उनकी आय में वृद्धि करने के लिए अधिक से अधिक वास्तविक योजनाएँ तैयार करके विशेष प्रयास कर रही है।

• अनुसूचित जाति उप- योजना के लिए डिमांड-32 में अलग उप-शीर्ष ‘789’ बनाया है। ताकि इस निधि को एक योजना से दूसरी योजना के अन्तर्गत् आसानी से स्थानान्तरित किया जा सकेगा। इस उप-योजना के अन्तर्गत् 100 प्रतिशत बजट प्रयोग करना सुनिश्चित बनाया जा सकेगा। वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति उप योजना में राज्य योजना के अन्तर्गत 1,436.83 करोड़ र व्यय किये जा रहे हैं तथा वर्ष 2018-19 में अनुसूचित जाति उप-योजना के अन्तर्गत् अनुसूचित जातियों के कल्याण हेतु 1,586.97 करोड १ बजट प्रस्तावित है।

• जिला स्तर पर जिला स्तरीय समीक्षा एवं कार्यान्वयन कमेटी गठित की गई है। जिसके अध्यक्ष सम्बन्धित जिला से मन्त्री तथा उपाध्यक्ष जिलाधीश होता है। जिला परिषद् का चेयरमैन और खण्ड विकास समिति के सभी चेयरमैन और अन्य स्थानीय प्रसिद्ध व्यक्ति इस कमेटी के गैर सरकारी सदस्य और अनुसूचित जाति उप-योजना से सम्बन्धित सभी अधिकारी सरकारी सदस्य होते हैं। राज्य स्तर पर मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार, प्रशासनिक सचिवों के साथ त्रैमासिक समीक्षा बैठके आयोजित करते हैं। इसके अतिरिक्त माननीय मुख्य मन्त्री की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति कार्य निष्पादन के लिए उच्च अधिकार प्राप्त समन्वय एवं समीक्षा समिति बनाई गई है जो कि अनुसूचित जाति उप-योजना की समीक्षा वर्ष में एक बार करती है।

Author: Ram Bhardwaj