किशोरी सशक्तीकरण योजना (ए.एस.जी.) केन्द्रीय प्रायोजित योजना के रूप में (11 से 18 वर्ष आयु वर्ग वर्ग की) किशोरियों में साक्षरता को बढ़ावा देने, गृह आधारित एवं व्यावसायिक कौशल में सुधार लाने, उनमें स्वास्थ्य, पोषाहार, स्वच्छता, गृह प्रबन्धन एवं बच्चों की देख-रेख तथा किशोर प्रजनन और यौन स्वास्थ्य (ए. आर. एस.एच.) सम्बन्धी ज्ञान को बढ़ाने हेतु संचालित की जा रही है।
वित्तीय वर्ष 2014-15 तक इस योजना के पोषाहार घटक का व्यय भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा 50:50 अनुपात में वहन किया गया तथा गैर-पोषाहार घटक 100 प्रतिशत केन्द्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा था। वित्तीय वर्ष 2015-16 से योजना के दोनों घटकों में 90:10 के अनुपात में भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
योजना प्रदेश के 4 जिलों क्रमशः सोलन, कुल्लू, काँगड़ा तथ चम्बा में चलाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत् पोषाहार तथा गैर पोषाहार दो मुख्य घटक हैं। गैर पोषाहार घटक में 3.80 लाख र प्रति बाल विकास परियोजना प्रति वर्ष व्यय करने का प्रावधान है। पोषाहार घटक में किशोरियों को पोषाहार 5१ प्रति किशोरी प्रति दिन की दर से प्रदान किया जाता है।
गैर पूरक पोषाहार के अधीन 2017-18 में कुल राशि 86.88 लाख ₹ में से 27.32 लाख र व्यय किए गए। पूरक पोषाहार के अधीन दिसम्बर, 2017 तक कुल प्राप्त राशि 507.80 लाख ₹ में से 382.91 लाख र व्यय किए गए। चालू वित्त वर्ष में 31.12.2017 तक 1,01,256 लाभार्थियों को पूरक पोषाहार, 1,01,725 को पोषाहार एवं स्वास्थ्य शिक्षा, 8,400 को जीवन कौशल शिक्षा, 4,055 को सार्वजनिक सेवाओं के इस्तेमाल के लिए मार्गदर्शन तथा 402 किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया है।