हिमाचल प्रदेश के प्रमुख मेले एवं त्योहार

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• जागरा-

 

रातभर चलने वाले इस पूजन कार्यक्रम को सामान्यतः भादों मास से ऊपरी शिमला, किन्नौर तथा सिरमौर क्षेत्र में महासू देवता की याद में मनाया जाता है। प्रतिवर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन महासू देवता के सम्मान में प्रत्येक परिवार का सदस्य व्रत रखता है। महासू देवता की प्रशंसा में ‘बीसू’ गीत भी गाए जाते हैं।

 

• रक्षाबंधन-

 

रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णमासी को मनाया जाता है। शिमला में इसे रक्षा पुण्या, मण्डी और सिरमौर में इसे ‘सलोनू’ तथा बिलासपुर में इसे ‘राखिनुआ’ कहा जाता है।

 

• चैतरूल-

 

चन्द्र गणना के अनुसार ‘चैत’ का महीना वर्ष का पहला महीना होता है। इस दिन लोग उत्सव मनाते हैं। इस दिन ‘ढाक या तुरी’ जाति के लोग नववर्ष का गीत गाते हुए गाँव-गाँव जाते हैं। यह त्योहार चतराली या चतरा कहलाता है। सिरमौर में इसे चैतरुल कहते हैं। भरमौर क्षेत्र में इसे ‘ढोलरू’ कहा जाता है।

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