(iii) रणजीत सिंह और संसारचंद- Ranjit Singh and Sansarchand
संसारचंद के कहलूर (बिलासपुर) पर आक्रमण के पश्चात् कहलूर के राजा महानचंद ने गोरखा कमाण्डर अमरसिंह थापा ( को 1804 ई. में सहायता के लिए बुलाया। अमर सिंह थापा ने 1806 ई. को महलमोरियों में संसारचंद को हराया। संसारचंद ने भागकर काँगड़ा किले में शरण ली।
संसारचंद ने रणजीत सिंह से सहायता मांगी। संसारचंद और महाराजा रणजीत सिंह के बीच ज्वालामुखी मंदिर में 1809 में ज्वालामुखी की संधि हुई जिसके अनुसार गोरखों को हराने के बदले संसारचंद महाराजा रणजीत सिंह को काँगड़ा किला और 66 गाँव देगा।
महाराजा रणजीत सिंह ने अमरसिंह थापा को हरा दिया। संसारचंद ने काँगड़ा किला और 66 गाँव रणजीत सिंह को सौंप दिए। महाराजा रणजीत सिंह ने देसा सिंह मजीठिया को काँगड़ा किले का पहला सिख किलेदार व पहाड़ी रियासतों का गवर्नर बनाया। रणजीत सिंह ने ज्वालामुखी मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान किया व सोने का छत्र भी चढ़ाया। संसारचंद की 1823 ई. में मृत्यु हो गई।