Modern History of Himachal Pradesh – Sikh Empire and Hill States

 लाहौर की संधि (9 मार्च, 1846 ई.) की शर्तें –

 

सतलुज नदी के दक्षिण के सभी क्षेत्रों पर सिक्ख दावे समाप्त हो गए। व्यास और सतलुज के बीच के सभी प्रदेश अँग्रेजों के कब्जे में आ गए। सिक्खों को युद्ध क्षतिपूर्ति के रूप में डेढ़ करोड़ रुपये देने पड़े। सैनिक संख्या में कटौती (20 हजार पैदल और 12 हजार घुड़सवार) कर दी गई।

 

अँग्रेज रैजिडेन्ट सर हैनरी लॉरेंस को सिक्ख दरबार में रखा गया। दलीप सिंह को महाराज स्वीकार कर लिया गया। लाहौर राज्य में अँग्रेजी सेना को आने-जाने की अनुमति दी गई। महाराज दलीप सिंह की रक्षा के लिए लाहौर में एक अग्रेजी सेना रखने का निर्णय हुआ।

 

• युद्ध में पहाड़ी राजाओं की भूमिका – अधिकांश पहाड़ी राजाओं ने युद्ध में अँग्रेजों का साथ दिया और सिक्खों को अपने राज्य से निकाल भगाया। गुलेर के राजा शमशेर सिंह ने हरिपुर किले से सिक्खों को निकाल भगाया।

Author: Ram Bhardwaj