आधुनिक साम्यवाद और प्लेटो के साम्यवाद में समानत्ता
• दोनों व्यक्ति की तुलना में समाज और राज्य को महत्त्वपूर्ण मानते हैं।
• दोनों व्यक्ति के कर्तव्यों पर बल देते हैं।
• दोनों वर्ग-संघर्ष और शोषण का अन्त करना चाहते हैं।
• दोनों निजी सम्पत्ति की संस्था का अन्त करने पर बल देते हैं।
• दोनों स्त्री-पुरुष की समानता में विश्वास करते हैं।
आधुनिक साम्यवाद और प्लेटो के साम्यवाद में अन्तर
साम्यवाद में अन्तर
यदि प्लेटोवाद का गहन एवं सूक्ष्म अध्ययन किया जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि प्लेटोवाद व साम्यवाद में सतही समानताएँ हैं और साथ ही दोनों में आधारभूत अन्तर भी हैं जो निम्न हैं
• प्लेटो के साम्यवाद का आधार आदर्शवाद या दर्शनवाद है तो आधुनिक साम्यवाद का आधार भौतिकवाद है।
• प्लेटो के साम्यवाद का उद्देश्य राजनीतिक है। वह कुशासन एवं भ्रष्टाचार को मिटाकर राज्य की एकता की स्थापना करना चाहता है, किन्तु आधुनिक साम्यवाद का उद्देश्य आर्थिक है। वह आर्थिक शोषण को समाप्त करके आर्थिक समानता की स्थापना करना चाहता है।
• प्लेटो का साम्यवाद राज्य को प्राकृतिक व नैतिक संस्था मानता है, वहीं आधुनिक साम्यवाद राज्य को निजी सम्पत्ति की व्यवस्था से
उत्पन्न एक वर्गीय संस्था मानता है। आधुनिक साम्यवाद के अनुसार जब वर्गहीन समाज की रचना होगी तो राज्य भी समाप्त हो जाएगा।
• प्लेटो का साम्यवाद कुलीनतन्त्रीय है जिसमें शासन का नेतृत्व दार्शनिक वर्ग को सौंपा गया है। किन्तु आधुनिक साम्यवाद का जन्म ही कुलीन वर्ग की संस्कृति के विरोध में हुआ है और यह जनवादी जनतन्त्र का समर्थक है, जिसका उद्देश्य वर्गविहीन समाज की स्थापना करना है।
• प्लेटो की न्याय की धारणा नैतिक एवं आध्यात्मिक है। प्लेटो के अनुसार मानव आत्मा के अनुरूप कर्त्तव्यपालन ही न्याय है, जबकि आधुनिक साम्यवाद के अनुसार न्याय का अर्थ है शोषक वर्ग एवं आर्थिक असमानता का अन्त तथा आर्थिक समानता की स्थापना।
• प्लेटो अपने साम्यवाद में तीन में से दो वर्गों पर बल देता है और तीनों वर्गों को बनाए रखते हुए वर्ग सामंजस्य पर बल देता है, वहीं आधुनिक साम्यवाद वर्ग संघर्ष का अन्त कर वर्ग विहीन समाज की रचना करना चाहता है। इस प्रकार प्लेटो का साम्यवाद दो वर्गों पर लागू होता है इसलिए अर्द्धसाम्यवाद है।
• प्लेटो का साम्यवाद नगर-राज्य तक सीमित है, जबकि आधुनिक साम्यवाद विचारों की दृष्टि से अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र से सम्बन्धित है और व्यवहार में राष्ट्र राज्य में लागू किया गया है।
• प्लेटो का साम्यवाद सम्पत्ति के साथ-साथ परिवार के क्षेत्र में भी लागू होता है, किन्तु आधुनिक साम्यवाद केवल सम्पत्ति के क्षेत्र में ही लागू किया गया है।
• आर्थिक साम्यवाद की दृष्टि से प्लेटो का साम्यवाद उपभोग की क्रिया से सम्बन्धित है, जबकि आधुनिक साम्यवाद उत्पादन के साधन से सम्बन्धित है।
• प्लेटो शासक वर्ग को राजनीतिक शक्ति तो सौंपता है, किन्तु उसे आर्थिक शक्ति से वंचित रखता है।
• प्लेटो का साम्यवाद आर्थिक तथा राजनीतिक शक्ति के पृथक्करण की व्यवस्था करता है। आधुनिक साम्यवाद सर्वहारा के अधिनायक तन्त्र में सर्वहारा को राजनीतिक शक्ति के साथ-साथ आर्थिक शक्ति भी प्रदान करता है।
• प्लेटो का साम्यवाद शान्ति पर आधारित है तो आधुनिक साम्यवाद क्रान्ति पर आधारित है।
प्लेटो का साम्यवाद पूर्णतः अव्यावहारिक है और इसलिए इसे कभी व्यवहार में लागू नहीं किया जा सका है, किन्तु आधुनिक साम्यवाद को राज्य के अन्तर्गत व्यावहारिक रूप से अपनाया गया है
Plato’s ideas about education