प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना (PMGSY) पर 3 जनवरी 2025 को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन होगा। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय इस कार्यशाला का आयोजन करेगा और इसमें देश भर से पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जुड़ेंगे। कार्यशाला के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी तय कर दिए हैं। समूचे भारत में पांच ट्रेनिंग सेंटर बनाए गए हैं। इनमें जम्मू, हैदराबाद, भोपाल, गुवाहाटी और रायपुर को प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया है।
एक प्रशिक्षण केंद्र में पांच से आठ राज्य मौजूदगी दर्ज करवाएंगे। जम्मू प्रशिक्षण केंद्र में हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पीडब्ल्यूडी अािकारियों को पीएमजीएसवाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण दो दिन का होगा और इसकी शुरूआत सात जनवरी से होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव शैलेश कुमार सिंह ने इस बारे में सभी राज्यों को पत्र भेज दिए हैं। यह पत्र मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है।
गौरतलब है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पीएमजीएसवाई की गाइडलाइन जारी की है और इस गाइडलाइन में हिमाचल को डेढ़ हजार पुरानी सडक़ों की मरम्मत के लिए बजट मिलने की संभावना जागृत हो गई है, जबकि पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में 100 से 250 तक की आबादी वाले गांवों को सडक़ से जोडऩे का भी प्रावधान किया गया है।
इसमें जनजातीय क्षेत्रों में सौ की आबादी वाले गांवों को 2011 की जनगणना के आधार पर सडक़ मिलने की संभावना बनी हुई है, जबकि सामान्य क्षेत्रों में 250 की आबादी वाले गांव सडक़ से जुड़ेंगे। हिमाचल में पीडब्ल्यूडी ने अलग-अलग सर्वेक्षण के माध्यम से अब तक करीब 700 गांवों की तलाश कर ली है और इन गांवों की रिपोर्ट आगामी दिनों में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को ऐप के माध्यम से भेजी जा सकेगी।
बर्फबारी में अलग-थलग रहने वाले इलाकों को भी बजट
पीएमजीएसवाई की नई गाइडलाइन में एक और फैसला किया गया और इसमें बर्फबारी की वजह से अलग-थलग रहने वाले क्षेत्रों को इस योजना के चौथे चरण में जोडऩे की बात कही जा रही है। इससे प्रदेश के उन हिस्सों में भी बजट मिल सकेगा, जो साल के तीन से पांच महीने तक बर्फ से दबे रहते हैं। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
उन्होंने बताया कि इससे ग्रामीण इलाकों में सडक़ मिल पाएगी। इसके साथ जिन सडक़ों का निर्माण पीएमजीएसवाई के पहले चरण में किया गया था उनकी रिपेयर हो सकेगी। हिमाचल को पीएमजीएसवाई के चौथे चरण से 4000 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है और यह बजट अब तक पीएमजीएसवाई में सबसे ज्यादा होगा।
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