विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (University Grants Commission) ने छात्रों और अभिभावकों की शिकायतों के बाद फीस रिफंड को लेकर नई पॉलिसी बनाई है, लेकिन शिक्षा विभाग को ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि यूनिवर्सिटी और कालेज इस पॉलिसी को सही तरीके से लागू नहीं कर रहे हैं।
ऐसे में अब उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी यूनिवर्सिटी और कालेजों को एक बार फिर निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि फीस रिफंड पॉलिसी-2024 को पहले की पॉलिसी के मुकाबले काफी सख्त बनाया गया है। किसी भी छात्र की फीस कालेज द्वारा नहीं लौटाई गई, तो अब संबंधित कालेज की मान्यता तक रद्द हो सकती है। साथ ही उस कालेज का अनुदान रोकने से लेकर डिफॉल्टर लिस्ट में डालने तक का प्रावधान तक रखा गया है।
ये नियम इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत अन्य कालेजों पर भी लागू होगा। इसमें ऑनलाइन और ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग पाठ्यक्रमों की पढ़ाई करवाने की मंजूरी वापस लेने, स्वायत्त संस्थान का दर्जा वापस लेने से लेकर उनका नाम डिफाल्टर सूची में डालकर सार्वजनिक करने तक का प्रावधान है। नोटिस के मुताबिक इसके लिए छात्र या अभिभावकों को भी नियमों के दायरे में आवेदन करना होगा।
इतना मिलेगा रिफंड
दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि अधिसूचित होने से 15 दिन या इससे पहले सीट छोडऩे पर 100 फीसदी फीस वापस होगी। दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि से 15 दिन से कम पर 90 फीसदी फीस, दाखिला प्रवेश की अंतिम तिथि के बाद के 15 दिन पर 80 फीसदी, 15 से 30 दिन के बीच में 50 फीसदी फीस वापस होगी। वहीं दाखिले के 30 दिन बीतने के बाद कोई फीस वापस होगी
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University Grants Commission